History of Computer in Hindi – कंप्यूटर का इतिहास

History of Computer in Hindi

History of Computer in Hindi : कंप्यूटर के विकास का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है हम जिस कंप्यूटर का उपयोग आज करते है उससे पहले कई अन्य उपकरणों का अविष्कार किया गया जिन्होंने कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

History of Computer in Hindi – कंप्यूटर का इतिहास

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer in Hindi) हजारों साल पुराना है। कंप्यूटर का आविष्कार आज से लगभग 2000 साल पहले हुआ था, और जैसे-जैसे समय बदला, वैसे-वैसे कंप्यूटर का विकास भी हुआ। इसकी शुरुआत गणना करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सरल उपकरणों से हुई थी, जिनमें से एक महत्वपूर्ण उपकरण अबेकस था।

सबसे पहले गणना करने के लिए अबेकस का इस्तेमाल किया जाता था, जो एक लकड़ी से बना डिवाइस था। इसके बाद, 1642 में ब्लेज पास्कल ने पहला डिजिटल कंप्यूटर विकसित किया, जो केवल जोड़ने का काम कर सकता था। फिर, 1822 में चार्ल्स बैबेज ने पहले यांत्रिक कंप्यूटर (Mechanical Computer) का विकास किया, जिसे डिफरेंस इंजन कहा जाता है। इस प्रकार, समय के साथ कंप्यूटर का विकास होता गया और आज यह अत्याधुनिक तकनीक में बदल चुका है।

कंप्यूटर के इतिहास की प्रमुख घटनाएं

वर्ष / समय अवधिघटना का विवरण
2400 ईसा पूर्वअबेकस का आविष्कार हुआ।
1800 ईसा पूर्वअल्गोरिथ्म (Algorithm) को विकसित किया गया।
200 ईसा पूर्वजापान में कंप्यूटिंग ट्रे (Computing Tray) का इस्तेमाल शुरू हुआ।
1624हीडबर्ग विश्वविद्यालय के विल्हेम सिकार्ड ने कैलकुलेटर-घड़ी का आविष्कार किया।
1642पेरिस के ब्लेज पास्कल ने पहले डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार किया।
1822चार्ल्स बैबेज ने पहले यांत्रिक कंप्यूटर (Mechanical Computer) को विकसित किया।
1876अलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया।
1886विलियम बरौग ने यांत्रिकीय गणना मशीन को विकसित किया।
1931जर्मनी के कोनार्ड ज्यूस ने सबसे पहला कैलकुलेटर बनाया।
1940टेलीविजन में रंगीन (Coloured) प्रसारण शुरू हुआ।
1948IBM ने इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर का निर्माण किया।
1953प्रिंटर को विकसित किया गया।
1958सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार किया गया।
1968पहले मिनी कंप्यूटर (PDP-8) को विकसित किया गया।
1972INTEL ने माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण किया।
1977Apple ने पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण किया।
1980अमेरिका में 10 लाख से भी ज्यादा कंप्यूटर हो गए।
1983अमेरिका में कंप्यूटर की संख्या 1 करोड़ से भी ज्यादा हो गई।
1985अमेरिका में कंप्यूटर की संख्या 3 करोड़ से भी ज्यादा हो गई।
1992माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का आविष्कार किया।

कंप्युटर के विकास क्रम में बने प्रमुख उपकरण

कंप्यूटर के विकास क्रम में कई प्रमुख उपकरणों का निर्माण हुआ, जिन्होंने तकनीकी क्षेत्र में क्रांति लाने में मदद की। नीचे कुछ प्रमुख उपकरणों की सूची दी गई है:

अबेकस (Abacus)

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ABACUS का पूरा नाम Abundant Beads, Addition and Calculation Utility System होता है, यह सबसे पहला गणना उपकरण था और इसका उपयोग लगभग 2400 ईसा पूर्व से शुरू हुआ था। अबेकस मुख्य रूप से लकड़ी, धातु या बांस से बना होता है और इसमें कुछ पारदर्शी धारियाँ (beads) होती हैं जिन्हें तारों पर रखा जाता है। इसे गणना के लिए एक शारीरिक रूप से हाथ से संचालित किया जाता है।

अबेकस का संरचना:

  1. फ्रेम: अबेकस में एक फ्रेम होता है जिसमें सामान्यतः 2 या 3 पंक्तियाँ होती हैं। प्रत्येक पंक्ति में कुछ तार होते हैं जिन पर मोती (beads) लगे होते हैं।
  2. मोती (Beads): मोती तारों पर रखें जाते हैं और इन्हें हाथ से खिसकाकर गणना की जाती है। प्रत्येक मोती का एक निश्चित मान होता है, जैसे कि प्रत्येक मोती एक अंक का प्रतिनिधित्व करता है।
  3. संचालन: गणना करते वक्त उपयोगकर्ता मोतियों को एक दिशा में खिसकाता है, और इससे संख्याएँ बनती हैं। जब मोती एक निश्चित पंक्ति या खंड में होते हैं, तो यह गणना को दर्शाता है।

अबेकस का उपयोग:

अबेकस का उपयोग मुख्य रूप से व्यापार, खगोलशास्त्र, खाता-बही, और अन्य गणनाओं के लिए किया जाता था। यह उन समयों में बहुत महत्वपूर्ण था जब लिखित अंक या आधुनिक गणना उपकरण नहीं थे। हालांकि, यह गणना करने का एक धीमा तरीका था, लेकिन इसका उपयोग दक्षता से किया जाता था और यह उस समय के लिए अत्यधिक प्रभावी था।

अबेकस के प्रकार:

  1. चीन का अबेकस (Suanpan): यह अबेकस चीन में विकसित हुआ था। इसमें दो मोती ऊपर की तरफ और पाँच मोती नीचे की तरफ होते हैं, जो संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  2. जापान का अबेकस (Soroban): यह जापान में प्रचलित था। इसमें एक पंक्ति में पाँच मोती होते हैं, और गणना में उपयोग की जाती हैं।

आज के आधुनिक कंप्यूटरों और कैलकुलेटरों के आने के बाद अबेकस का उपयोग बहुत कम हो गया है, लेकिन यह गणना की शुरुआत के उपकरण के रूप में एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

नेपीयर की हड्डी (Napier’s Bones)

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नेपीयर की हड्डी एक गणना उपकरण था, जिसे जॉन नेपीयर ने 1617 में आविष्कार किया था। यह उपकरण विशेष रूप से गुणा और भाग करने के लिए उपयोगी था और इसे नेपीयर के हड्डियों के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसके कंकाल की हड्डी जैसी संरचना थी। इसे बनाने के उद्देश्य से जॉन नेपीयर ने गणना को सरल और तेज़ बनाने के लिए एक तरीका ढूंढा।

नेपीयर की हड्डी की संरचना:

नेपीयर की हड्डी में एक सेट के रूप में लकड़ी या अन्य सामग्री की पट्टियाँ होती थीं, जिन पर अंक अंकित होते थे। यह पट्टियाँ अलग-अलग गुणन तालिकाओं को दर्शाती थीं, जिनकी मदद से गुणा और भाग की गणनाएँ की जा सकती थीं।

  1. पट्टियाँ: नेपीयर की हड्डी में कई पट्टियाँ होती थीं, जिन पर 1 से 9 तक के अंक लिखे होते थे। ये पट्टियाँ विशेष रूप से गुणा करने के लिए डिज़ाइन की जाती थीं।
  2. नंबरों की व्यवस्था: हर पट्टी पर एक विशेष तरीके से अंक लिखे जाते थे, ताकि उसे स्लाइड करके गुणा किया जा सके। यह पैटर्न अंक और उनके गुणन के परिणामों का प्रतिनिधित्व करता था।
  3. गुणन के लिए उपयोग: इसे गुणन के कार्य को सरल बनाने के लिए बनाया गया था, खासकर बड़े अंकों के गुणन के लिए। एक बार पट्टियों को सही तरीके से संयोजित करने के बाद, उपयोगकर्ता आसानी से गुणा के परिणाम प्राप्त कर सकता था।

नेपीयर की हड्डी का उपयोग:

नेपीयर की हड्डी का मुख्य उद्देश्य गणना को आसान बनाना था। यह गणनाएँ करने में मदद करता था, विशेषकर गुणा और विभाजन में, और इसके जरिए जटिल गुणा के प्रश्नों को भी जल्दी हल किया जा सकता था।

इस उपकरण का उपयोग गणितज्ञों, व्यापारी और अन्य पेशेवरों द्वारा किया जाता था, जब तक कि कंप्यूटर और कैलकुलेटर जैसी आधुनिक तकनीकें उपलब्ध नहीं हो गईं।

नेपीयर की हड्डी का महत्व:

नेपीयर की हड्डी का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इसने गणना के उपकरणों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह उपकरण इस समय से पहले के उपकरणों जैसे अबेकस और हाथ से गणना करने के तरीकों से कहीं अधिक तेज और सटीक था। नेपीयर की हड्डी ने गणना के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई और यह बाद में कंप्यूटर और अन्य गणना उपकरणों के विकास में प्रेरणा का स्रोत बनी।

नेपीयर की हड्डी को आधुनिक गणना उपकरणों का पूर्वज माना जाता है, क्योंकि इसने गणना को स्वचालित बनाने की दिशा में पहला कदम रखा।

पास्कल कैलकुलेटर (Pascal Calculator) / Pascaline (पास्कलाइन)

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पास्कल कैलकुलेटर का अविष्कार ब्लेज पास्कल द्वारा 1665 ई. में किया गया इसका उपयोग केवल जोड़ने तथा घटाने के लिए किया जाता था|
इस मशीन के ऊपर चक्रियाँ लगी होती थी जिसमे 0 से 9 तक अंक लिखे रहते थे इस मशीन को एडिंग मशीन (Adding Machine) भी कहा जाता था|

जेकार्ड लूम (Jacquard’s Loom)

सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर जेकार्ड  ने कपड़े बुनने की ऐसी मशीन का अविष्कार किया जो कपड़ो में डिजाईन  या पैटर्न को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकार्डो से नियंत्रित करती थी|

बेबेज एनालिटिकल इंजन (Babbage Analytical Engine)

सन 1820 के आसपास ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बेबेज ने एक एनालिटिकल इंजन का अविष्कार किया जो आधुनिक कंप्यूटर का आधार बना इसी कारण चार्ल्स बेबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है|

होलरिथ पंच कार्ड मशीन (Hollerith Punch Card Machine)

हरमन होलरिथ ने 1890 में पंच कार्ड मशीन का आविष्कार किया, जिसे पहले व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित किया गया था। इसका उपयोग अमेरिका की जनगणना में किया गया था। यह मशीन डेटा को पंच कार्ड्स के माध्यम से प्रोसेस करती थी और गणना को तेज़ और आसान बनाती थी।

हॉवर्ड आइकेन मार्क I (Howard Aiken Mark I)

हॉवर्ड आइकेन ने सन् 1944 में एक मशीन विकसित की जिसे हॉवर्ड आइकेन मार्क I कहा गया   यह विश्व का सबसे पहला “विधुत यांत्रिक कंप्यूटर” था 

ENIAC

ENIAC का पूरा नाम Electronic Numerical Integrator and Computer है जिसे जॉन मौचली और जॉसफ ई. पॉल ने 1945 में विकसित किया, दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था। यह वैक्यूम ट्यूब्स पर आधारित था और जटिल गणनाओं को तेज़ी से हल कर सकता था। ENIAC ने कंप्यूटर विज्ञान में एक नया मोड़ लिया और कंप्यूटरों के विकास की दिशा बदल दी।

EDSAC

यह पहला कंप्यूटर था जो अपने अन्दर डाटा को सहेज कर रख सकता था|

ट्रांजिस्टर (Transistor)

ट्रांजिस्टर का आविष्कार जॉन बैर्डीन, वाल्टर ब्रेटेन और विलियम शॉकले ने 1947 में किया। ट्रांजिस्टर ने वैक्यूम ट्यूब्स की जगह ली और कंप्यूटर को और छोटे, तेज़ और ऊर्जा की बचत करने वाला बना दिया। इस आविष्कार ने कंप्यूटर की शक्ति और गति को बढ़ाया।

माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor)

INTEL ने 1971 में पहला माइक्रोप्रोसेसर बनाया, जिसने कंप्यूटरों को और छोटे और शक्तिशाली बना दिया। माइक्रोप्रोसेसर की मदद से पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण संभव हुआ और कंप्यूटर व्यक्तिगत उपयोग के लिए भी उपलब्ध हो गए।

पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer)

Apple और IBM जैसे प्रमुख कंपनियों ने 1977 में पर्सनल कंप्यूटर (PC) विकसित किए। अब कंप्यूटर घरों और छोटे कार्यालयों में भी उपयोग किए जाने लगे। इससे कंप्यूटर का उपयोग अधिक लोगों तक पहुँचा और यह रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया।

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows OS)

माइक्रोसॉफ्ट ने 1992 में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को पेश किया। विंडोज ने कंप्यूटर उपयोग को बहुत आसान बना दिया, क्योंकि यह ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्रदान करता था। इससे कंप्यूटर को ऑपरेट करने में आसानी हुई और यह सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ हो गया।

FAQs on History of Computer in Hindi

कंप्यूटर का इतिहास कब से शुरू हुआ?

कंप्यूटर का इतिहास लगभग 3000 साल पुराना है। इसका विकास गणना करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों से शुरू हुआ था, जैसे अबेकस, और समय के साथ इसमें लगातार सुधार होते गए।

अबेकस क्या है?

अबेकस एक गणना उपकरण है जिसे लगभग 2400 ईसा पूर्व विकसित किया गया था। यह लकड़ी, धातु या बांस से बना एक फ्रेम था जिसमें मोतियों को खिसकाकर गणना की जाती थी।

चार्ल्स बैबेज का योगदान क्या था?

चार्ल्स बैबेज ने 1822 में पहला यांत्रिक कंप्यूटर (Mechanical Computer) विकसित किया, जिसे डिफरेंस इंजन कहा जाता है। उन्हें कंप्यूटर का जनक भी माना जाता है।

कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है?

कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है। उन्होंने 1822 में डिफरेंस इंजन और 1837 में एनालिटिकल इंजन का अविष्कार किया, जो आधुनिक कंप्यूटर के आधार माने जाते हैं।

पर्सनल कंप्यूटर कब विकसित हुआ?

1977 में Apple और IBM जैसी कंपनियों ने पर्सनल कंप्यूटर (PC) विकसित किए। इससे कंप्यूटर का उपयोग घरों और छोटे कार्यालयों तक पहुंचने लगा।

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का आविष्कार कब हुआ?

माइक्रोसॉफ्ट ने 1992 में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पेश किया। यह ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्रदान करता था, जिससे कंप्यूटर को अधिक आसान और सुलभ बनाया गया।

निष्कर्ष (Conclusion)

कंप्यूटर का इतिहास विकास और प्रगति की एक लंबी यात्रा है, जो प्राचीन काल से लेकर आज तक जारी है। अब यह जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जैसे शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, व्यापार, और मनोरंजन। तकनीकी उन्नति के साथ, कंप्यूटर अब हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

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Suraj Mainali

हैलो दोस्तों मेरा नाम सूरज मैनाली है Smeducation एक प्रोफेशनल एजुकेशनल प्लेटफॉर्म है। जहां प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार से संबंधित जानकारी हिन्दी भाषा में उपलब्ध है।

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